मेरी जॉब का पहला और आखिरी दिन
कहते हैं न जब मुसीबत आती है तो गधे को भी बाप बनाना पड़ता है मेरे ऊपर भी मुसीबत आई पर गधे को बाप नहीं बनाया
चलिए अपनी कहानी को शुरू से शुरू करते हैं .
REAL LIFE TRUE STORY IN HINDI
REAL LIFE TRUE STORY IN HINDI
मैं अपने गाँव से दूर शहर में रहता था पहले सोचा था थोड़े दिन पढ़ाई करूंगा किसी न किसी जगह सिलेक्शन हो जाएगा और जॉब कर लूँगा फिर जॉब से पैसे आने लगेंगे तो अपना पर्सनल काम करूंगा जैसे blogging, affiliate marketing, Youtube, application development या फिर अपना कोई अपना खुद का काम जिसको grow कर लूँगा ।
लेकिन जैसा सोचो वैसा कब होता है
धीरे धीरे समय बीता और पैसे की दिक्कत हुई घर से आप कब तक पैसे लेते रहेंगे जब 2 ढाई साल हुए तो सोचा कोई पार्ट टाइम जॉब ढूंढ लेता हूँ साथ अपने काम को भी करता रहूँगा । जहां मैं किराये के मकान में रहता था वहाँ के कुछ लड़कों से दोस्ती थी त्यो उन्ही से पूछा काम कहाँ मिल सकता है पता चला शहर में कुछ दूरी पर फैक्ट्री एरिया है जहां पर काम मिल सकता है , अगले दिन मैं अपने साथी के साथ गया क्योंकि उसे मालूम था की कहाँ काम मिल सकता है उस दिन हम एक जगह गया वहाँ बताया की 270 रुपये प्रति दिन के हिसाब से काम मिलेगा महीने में 26 दिन काम करना पड़ेगा अगर आप पूरे 26 दिन काम करोगे तो बाकी बचे 4 दिन का पैसा अलग से मिलेगा । बताया गया की दिन में 12 घंटे काम करना है वहाँ पर मोबाईल फोन allow नहीं है ।
सुबह के 8 बजे से शाम 8 बजे तक काम करना होगा ।
वहाँ पर उन्हे बोल दिया गया की हाँ हम कल से ही आ जाएंगे फिर वहाँ से वापस आते आते उसके बारे में सोचा गया मैं जिसके साथ गया था उसने बोल की फोन allow नहीं है तो हम नहीं आ पाएंगे मैंने भी सोच सुबह 8 से शाम के 8 बजे तक कुछ ज्यादा ही time हो जाएगा मेरे खुद का काम जो मेरा मैं काम है उसे नहीं कर पाऊँगा तो मैंने भी उसे छोड़ दिया .
इसके बात कुछ पैसों का जुगाड़ हो गया और कुछ समय और बीत गया लेकी लगभग 2 महीने में अभी तक मेरा blogging का काम चल; न पाया था । पैसों की फिर से दिक्कत हुई आगे हमे अपनी वेबसाईट को renew करना था इसके अलावा किराया कहना रिचार्ज और खर्चों का जुगाड़ करना था तो 2 माह बाद फिर से काम की तलाश मे गए पर आबकी बार दूसरी जगह गए । दिन था बुधवार लगभग 10 km चलने के बाद फैक्ट्री एरिया में पहुंचे 2-3 जगह पूछा तो कुछ ने कहा अभी जगह नहीं है कुछ बोले सोमवार को आना उसी दिन नए लोगों को काम पर लगाया जाता है ।
फिर चलते हुए एक जगह पहुंचे जहां पर अखबार की प्रिंटिंग की जाती थी । वहाँ पर काम पूछा तो बोले आपको क्या काम आता है resume दिखाइए पर अभी तक किसी भी काम का न तो अनुभव था और न ही किसी तरह का resume था फिर उसने बोल आप को secuirity gaurd की जॉब में काम मिल सकता है यहाँ आपको 8 8 घंटे की तीन शिफ्ट हैं । सुबह 6 से 2 फिर 2 से 10 और 10 से 6 । मैंने सोचा चलो यही कर लेते हैं । 8 घंटे में अपने काम के लिए समय भी मिल जाएगा ।
उसने बोला आप अपने डाक्यमेन्ट दे देना आके फिर फिर उसके एक दिन बाद उसने बुलाया क्योंकि उसके अगले दिन उसकी छुट्टी थी ।
जब डॉक्यूमेंट देने जाने का टाइम आया तो मैंने अपने साथी से कहा चलो चलते है
उसने बोला मेरे गाल में सूजन है मुझे अभी डॉक्टर के पास जाना है मुझे चक्कर आ रहें हैं
,मैं तो ना जा पाऊँगा फिर मैंने सोच इस बंदे का तो घर है ये यहीं का रहने वाला है इसका जाने का मन नहीं है ।
मेरे पास मजबूरी थी तो मैंने साइकिल उठाई और चल और पहुँच गया वहाँ गया डाक्यमेन्ट दिए और उसने बोला अब मैं एक दो दिन में call करूंगा तो आपको इंटरव्यू के लिए आना है और आपको काम मिल जाएगा फिर वह से हम आ गए ।
फिर एक दिन हुआ 2 दिन हो गए मैंने सोचा सायद ये call नहीं करेगा । फिर जो नंबर उसने दिया था उस पर मैंने ही फोन किया और पूछा तो उसने बोल बाद में बात करेंगे मैंने सोचा ऐसे बात न बनेगी ।
मैंने साइकिल उठाई और वहाँ पहुँच गया उसने देखते ही बोला मैंने कहा था जब call करूंगा तो आना है । मैंने कहा - मैंने सोचा मैं ही चल कर देख लेता हूँ की क्या हो रहा है ।
उसने मुझे एक नंबर दिया और बोला ये नंबर काम देने वाले सुपर वॉइजर का नंबर है । वो यहाँ पर आए हुए हैं उन्ही से बात कर लो फिर काल करके पूछा की हम आपके यहाँ काम के लिए आए हुए हैं । उन्होंने बोल आपको हमारे ऑफिस आना पड़ेगा जो वहाँ से दस km की दूरी पर है ।
फिर कुछ देर बाद वो बाहर आए गाड़ी में बैठ गए और उन्होंने मेरे बारे में पूछा और बोले चलो अभी गाड़ी में बैठो अभी काम दे देता हूँ मैंने बोला मैं अभी तो साइकिल से आया हूँ मैं अभी साइकिल चूड़ कर नहीं जा सकता फिर वो बोले अच्छा कल सुबह 11 बजे आप ऑफिस में आ जाना फिर वहाँ से सीधे काम पर भेज देंगे फिर मैंने काम के बारे मे पूछा तो बताया 12 घंटे का secuirity gaurd का काम है मिलेगा सुबह 8 से रात के 8 बजे तक का काम रहेगा । इसके अलावा वर्दी ( यूनिफॉर्म ) के 1000 रुपये देने पड़ेंगे । मैंने हाँ बोल दिया और सोचा जैसा भी होगा देखा जाएगा ।
फिर अगले दिन जैसे तैसे पैसों के व्यवस्था की इस काम मे मुझे काफी टाइम हो गया था उन्होंने बुलाया था 11 बजे पर मैं पहुँच था 3 बजे शाम को वहाँ उन्होंने बताया था की एक स्कूल के सामने मेरा ऑफिस है वहीं आ जाना है मैं वहाँ पर पहुँच गया और उस ऑफिस के बारे में पूछा वहाँ के लोगों को इसके बारे मे इसका नहीं पता था मैं नंबर भी ले जाना भूल गया था जो हमने एक कागज पर लिखा था और सोचा था जब चलूँगा तो इसे ले लूँगा साथ में ।
फिर एक लड़के से पूछा तो बता या की secuirity gaurd रखने का काम करने वालों का ऑफिस वहाँ है और बोल वो देखा उसके मालिक आ भी रहे हैं । और उधर से एक गाड़ी भी आ गई मैं उनके पास गया उसमें से दो लोग उतरे जिनमे से एक लोग के पास 5 किलो तक ऑफिस के रजिस्टर थे जो वो दुकान से खरीद कर लाए थे । और मुझे पकड़ाते हुए बोले इसे ले चलो मैंने अपनी साइकिल वहीं रोड के किनारे खड़ी कर दी और रजिस्टर लेकर चल पड़ा । फिर वो बोले ये साइकिल भी साथ में ले आओ यहाँ साइकिल बड़ी चोरी होतीं हैं इसे पहले सुरक्षित कर लो । साइकिल पर ही रजिस्टर रखकर मैं वहाँ से उन्हे लेकर चल पड़ा ।
वहाँ जाकर वो बोले मैं जरा कहना खा लेता हूँ तब तक यहाँ बाहर ही पंखा चलाकर बैठो फिर उन्होंने एक फॉर्म दिया जिसमें नाम पता भरना था वो मैंने भर दिया मेरे डॉक्यूमेंट लिए ।
इसके बाद वहाँ एक और आदमी वहाँ आया और उससे बोल की इसे यूनिफॉर्म दो फिर उसने 32 नंबर के यूनिफॉर्म निकाली और बोल इसे पहेन लो । इसी बाछ उनके पास कुछ फोन भी उनके पास आए जिसपे उनहीने कुछ झगड़े वाली बातें भी की बाद में कुछ गालियां भी दे दी । और बोल पैसे इनको समय पे देते हो तभी ये इतना मक्कारी करते हैं । खैर ये उनके आपस की बातें थी मैंने इस पर ध्यान नहीं दिया । मैंने ड्रेस पहेन ली उनका पैन्ट मेरे लिए काफी बड़ा लग रहा था । मुझे ड्रेस मिली जिसमे शर्ट ,पैंट ,टोपी और मोजे थे जूते के लिए बोल तो कहा की जूते जो आपने पहने हैं वही चलेंगे । और एक बेल्ट थी जो काफी ढूँढने के बाद उन्हे मिली थी।
थोड़ी देर बाद बोले अब ड्रेस को उतार कर रख लो और अब कल सुबह 8 बजे एक मॉल बताया वहाँ पर आना था।
अब शुरू होती है पहले दिन के काम की लिए तैयारी शाम को भी ज्यादा देर तक नहीं जाग सकता था क्योंकि सुबह काम पे जाना था मैंने इसी चक्कर मे एक दो दिन से कोई पोस्ट भी नहीं डाली थी । और फिर मैं वही 10 बजे रात को सो गया सुबह के लिए सोचा की जहां जगह बताई है वो लगभग 12 km है तो मैं पूछते हुए 45 मीनट में तो पहुँच ही जाऊँगा ।
औरं वैसा ही हुआ सुबह उठा तैयार हुआ खाना बनाया एक रोटी ही मैंने खाई और बाकी के चार रोटी मैंने रख ली लंच में खाने के लिए । 7 बजकर 2 या 3 मिनट पर कमरे से निकला और पूछते हुए वही 7:45 पर पहुँच गया । जब मैं रास्ते में था तो जिसने मुझे काम पे रखा था उसने पूछा की आ रहे हो और कहाँ पर हो वहाँ पर पहुँच कर मैंने बोला मैं यहाँ आ गया हूँ । उसने कहा वहीं रुको मैं अभी आ रहा हूँ ।
फिर वही 10 मिनट बाद वो वहाँ पहुँच गए और उन्होंने और लोगों से परिचय कराया और बोले ये लड़का नया है तो एक लोग यहीं पर रुकना है । इसे कुछ पता नहीं है । इसे सारी चीजें बता देना फिर शुरू होता है काम का वक्त जहां मुझे लगाया गया वहाँ दो gate थे एक से सभी लोग जाते थे तो दूसरे से केवल स्टाफ के लोग ओर उस बिल्डिंग में एक तरफ मॉल था और एक तरफ पासपोर्ट ऑफिस था पासपोर्ट बनने का समय शुरू होता है 9 बजे और मॉल खुलता है 11 बजे बाहर लगभग 50 लोग तक पासपोर्ट के लिए खड़े थे जिनको अपने टाइम के हिसाब से जाना था मुझे बताया जाता था इतने से इतने टाइम वाले लोगों को अंदर भेजो तो उसी हिसाब से मुझे उन्हे भेजना था ।
फिर आता है वो इंसान जो आपका सीनियर होता है और आपको उंगली करता जो दर्द बन जाता है । हमारे यहाँ था वो इंसान और लोग उसे खान शाहब कहकर बुलाते थे । वो हमें बताना शुरू करता है जो लोग गाइयाँ लेकर आते हैं उन्हे ऐसे लगाओ कार इस तरफ बाइक इस तरफ बीच में रास्ता होना चाहिये तेज बोलो ये मालिक हैं इनसे ऐसे बात करों हाथ पीछे करके खड़े हो आगे बांधकर नहीं मेरी बात सुनो वरना ये चीज कभी नहीं सीख पाओगे । मैं उसकी बातों से परेशान होने लगा कभी लगता इसका मुंह तोड़ दें । जैसे तैसे वही एक बज गया इस बीच एक कप चाय पी थी जो उसी खान शाहब ने पिलाई थी । 1 बजे तक पासपोर्ट का काम खत्म हो चुका था अब वहाँ मॉल में आने वाले लोग ही आ रहे थे । फिर मैं दूसरे gate पर जाकर बैठ गया जहां पर चाय थी । और वहाँ पर सिर्फ स्टॉफ के लोग ही आते जाते थे । फिर वो खान अपने प्रवचन देता था बीच बीच में इस चीज को ध्यान दो । जैसे तैसे दिन कट 8 बजे अब चलने की तैयारी करनी थी । तभी other शिफ्ट रात 8 से सुबह 8 बजे वाला secuirity gaurd आ गया । सीनियर ने उससे बोला जाओ इए सारी चीजें दिखा दो जैसे लाइट कहाँ से चालू होगी , मोटर कहाँ से चलेगी , लिफ्ट कहाँ से चलेगी । फिर हम बारी बारी से अलग अलग फ्लोर पर गए सारी चीजें देखि वापस आया फिर यूनिफॉर्म बदलकर कमरे के लिए चल पड़ा और तब तक 8:30 हो चुका था ।
कमरे पर आया अब हमें लगी थी भूख रास्ते में ही दो समोसे खाए । कमरे पर आते आते लगभग 9 :15 बज चुका था । फिर नहाया कहना बनाया खाया फिर टाइम आया मेरे काम को करने का जिसमे यूट्यूब और ब्लॉगिंग सामील था और टाइम था 11:00 pm। नेट चालू किया वो भी प्रॉपपएर न चल सका फिर सोचा देर हुई तो सुबह कैसे उठूँगा । नींद आई और सो गया । सुबह 5 बजे आँख खुली सोचा क्या करू जाऊन की न जाऊ मन ना किया फोन को ऑफ कर दिया किसी की काल न आए फिर सारी उम्मीदों को सिरहने पर रखकर सो गया । और छोड़ दिया काम ।
लेकिन जैसा सोचो वैसा कब होता है
धीरे धीरे समय बीता और पैसे की दिक्कत हुई घर से आप कब तक पैसे लेते रहेंगे जब 2 ढाई साल हुए तो सोचा कोई पार्ट टाइम जॉब ढूंढ लेता हूँ साथ अपने काम को भी करता रहूँगा । जहां मैं किराये के मकान में रहता था वहाँ के कुछ लड़कों से दोस्ती थी त्यो उन्ही से पूछा काम कहाँ मिल सकता है पता चला शहर में कुछ दूरी पर फैक्ट्री एरिया है जहां पर काम मिल सकता है , अगले दिन मैं अपने साथी के साथ गया क्योंकि उसे मालूम था की कहाँ काम मिल सकता है उस दिन हम एक जगह गया वहाँ बताया की 270 रुपये प्रति दिन के हिसाब से काम मिलेगा महीने में 26 दिन काम करना पड़ेगा अगर आप पूरे 26 दिन काम करोगे तो बाकी बचे 4 दिन का पैसा अलग से मिलेगा । बताया गया की दिन में 12 घंटे काम करना है वहाँ पर मोबाईल फोन allow नहीं है ।
सुबह के 8 बजे से शाम 8 बजे तक काम करना होगा ।
वहाँ पर उन्हे बोल दिया गया की हाँ हम कल से ही आ जाएंगे फिर वहाँ से वापस आते आते उसके बारे में सोचा गया मैं जिसके साथ गया था उसने बोल की फोन allow नहीं है तो हम नहीं आ पाएंगे मैंने भी सोच सुबह 8 से शाम के 8 बजे तक कुछ ज्यादा ही time हो जाएगा मेरे खुद का काम जो मेरा मैं काम है उसे नहीं कर पाऊँगा तो मैंने भी उसे छोड़ दिया .
इसके बात कुछ पैसों का जुगाड़ हो गया और कुछ समय और बीत गया लेकी लगभग 2 महीने में अभी तक मेरा blogging का काम चल; न पाया था । पैसों की फिर से दिक्कत हुई आगे हमे अपनी वेबसाईट को renew करना था इसके अलावा किराया कहना रिचार्ज और खर्चों का जुगाड़ करना था तो 2 माह बाद फिर से काम की तलाश मे गए पर आबकी बार दूसरी जगह गए । दिन था बुधवार लगभग 10 km चलने के बाद फैक्ट्री एरिया में पहुंचे 2-3 जगह पूछा तो कुछ ने कहा अभी जगह नहीं है कुछ बोले सोमवार को आना उसी दिन नए लोगों को काम पर लगाया जाता है ।
फिर चलते हुए एक जगह पहुंचे जहां पर अखबार की प्रिंटिंग की जाती थी । वहाँ पर काम पूछा तो बोले आपको क्या काम आता है resume दिखाइए पर अभी तक किसी भी काम का न तो अनुभव था और न ही किसी तरह का resume था फिर उसने बोल आप को secuirity gaurd की जॉब में काम मिल सकता है यहाँ आपको 8 8 घंटे की तीन शिफ्ट हैं । सुबह 6 से 2 फिर 2 से 10 और 10 से 6 । मैंने सोचा चलो यही कर लेते हैं । 8 घंटे में अपने काम के लिए समय भी मिल जाएगा ।
उसने बोला आप अपने डाक्यमेन्ट दे देना आके फिर फिर उसके एक दिन बाद उसने बुलाया क्योंकि उसके अगले दिन उसकी छुट्टी थी ।
जब डॉक्यूमेंट देने जाने का टाइम आया तो मैंने अपने साथी से कहा चलो चलते है
उसने बोला मेरे गाल में सूजन है मुझे अभी डॉक्टर के पास जाना है मुझे चक्कर आ रहें हैं
,मैं तो ना जा पाऊँगा फिर मैंने सोच इस बंदे का तो घर है ये यहीं का रहने वाला है इसका जाने का मन नहीं है ।
मेरे पास मजबूरी थी तो मैंने साइकिल उठाई और चल और पहुँच गया वहाँ गया डाक्यमेन्ट दिए और उसने बोला अब मैं एक दो दिन में call करूंगा तो आपको इंटरव्यू के लिए आना है और आपको काम मिल जाएगा फिर वह से हम आ गए ।
फिर एक दिन हुआ 2 दिन हो गए मैंने सोचा सायद ये call नहीं करेगा । फिर जो नंबर उसने दिया था उस पर मैंने ही फोन किया और पूछा तो उसने बोल बाद में बात करेंगे मैंने सोचा ऐसे बात न बनेगी ।
मैंने साइकिल उठाई और वहाँ पहुँच गया उसने देखते ही बोला मैंने कहा था जब call करूंगा तो आना है । मैंने कहा - मैंने सोचा मैं ही चल कर देख लेता हूँ की क्या हो रहा है ।
उसने मुझे एक नंबर दिया और बोला ये नंबर काम देने वाले सुपर वॉइजर का नंबर है । वो यहाँ पर आए हुए हैं उन्ही से बात कर लो फिर काल करके पूछा की हम आपके यहाँ काम के लिए आए हुए हैं । उन्होंने बोल आपको हमारे ऑफिस आना पड़ेगा जो वहाँ से दस km की दूरी पर है ।
फिर कुछ देर बाद वो बाहर आए गाड़ी में बैठ गए और उन्होंने मेरे बारे में पूछा और बोले चलो अभी गाड़ी में बैठो अभी काम दे देता हूँ मैंने बोला मैं अभी तो साइकिल से आया हूँ मैं अभी साइकिल चूड़ कर नहीं जा सकता फिर वो बोले अच्छा कल सुबह 11 बजे आप ऑफिस में आ जाना फिर वहाँ से सीधे काम पर भेज देंगे फिर मैंने काम के बारे मे पूछा तो बताया 12 घंटे का secuirity gaurd का काम है मिलेगा सुबह 8 से रात के 8 बजे तक का काम रहेगा । इसके अलावा वर्दी ( यूनिफॉर्म ) के 1000 रुपये देने पड़ेंगे । मैंने हाँ बोल दिया और सोचा जैसा भी होगा देखा जाएगा ।
फिर अगले दिन जैसे तैसे पैसों के व्यवस्था की इस काम मे मुझे काफी टाइम हो गया था उन्होंने बुलाया था 11 बजे पर मैं पहुँच था 3 बजे शाम को वहाँ उन्होंने बताया था की एक स्कूल के सामने मेरा ऑफिस है वहीं आ जाना है मैं वहाँ पर पहुँच गया और उस ऑफिस के बारे में पूछा वहाँ के लोगों को इसके बारे मे इसका नहीं पता था मैं नंबर भी ले जाना भूल गया था जो हमने एक कागज पर लिखा था और सोचा था जब चलूँगा तो इसे ले लूँगा साथ में ।
फिर एक लड़के से पूछा तो बता या की secuirity gaurd रखने का काम करने वालों का ऑफिस वहाँ है और बोल वो देखा उसके मालिक आ भी रहे हैं । और उधर से एक गाड़ी भी आ गई मैं उनके पास गया उसमें से दो लोग उतरे जिनमे से एक लोग के पास 5 किलो तक ऑफिस के रजिस्टर थे जो वो दुकान से खरीद कर लाए थे । और मुझे पकड़ाते हुए बोले इसे ले चलो मैंने अपनी साइकिल वहीं रोड के किनारे खड़ी कर दी और रजिस्टर लेकर चल पड़ा । फिर वो बोले ये साइकिल भी साथ में ले आओ यहाँ साइकिल बड़ी चोरी होतीं हैं इसे पहले सुरक्षित कर लो । साइकिल पर ही रजिस्टर रखकर मैं वहाँ से उन्हे लेकर चल पड़ा ।
वहाँ जाकर वो बोले मैं जरा कहना खा लेता हूँ तब तक यहाँ बाहर ही पंखा चलाकर बैठो फिर उन्होंने एक फॉर्म दिया जिसमें नाम पता भरना था वो मैंने भर दिया मेरे डॉक्यूमेंट लिए ।
इसके बाद वहाँ एक और आदमी वहाँ आया और उससे बोल की इसे यूनिफॉर्म दो फिर उसने 32 नंबर के यूनिफॉर्म निकाली और बोल इसे पहेन लो । इसी बाछ उनके पास कुछ फोन भी उनके पास आए जिसपे उनहीने कुछ झगड़े वाली बातें भी की बाद में कुछ गालियां भी दे दी । और बोल पैसे इनको समय पे देते हो तभी ये इतना मक्कारी करते हैं । खैर ये उनके आपस की बातें थी मैंने इस पर ध्यान नहीं दिया । मैंने ड्रेस पहेन ली उनका पैन्ट मेरे लिए काफी बड़ा लग रहा था । मुझे ड्रेस मिली जिसमे शर्ट ,पैंट ,टोपी और मोजे थे जूते के लिए बोल तो कहा की जूते जो आपने पहने हैं वही चलेंगे । और एक बेल्ट थी जो काफी ढूँढने के बाद उन्हे मिली थी।
थोड़ी देर बाद बोले अब ड्रेस को उतार कर रख लो और अब कल सुबह 8 बजे एक मॉल बताया वहाँ पर आना था।
अब शुरू होती है पहले दिन के काम की लिए तैयारी शाम को भी ज्यादा देर तक नहीं जाग सकता था क्योंकि सुबह काम पे जाना था मैंने इसी चक्कर मे एक दो दिन से कोई पोस्ट भी नहीं डाली थी । और फिर मैं वही 10 बजे रात को सो गया सुबह के लिए सोचा की जहां जगह बताई है वो लगभग 12 km है तो मैं पूछते हुए 45 मीनट में तो पहुँच ही जाऊँगा ।
औरं वैसा ही हुआ सुबह उठा तैयार हुआ खाना बनाया एक रोटी ही मैंने खाई और बाकी के चार रोटी मैंने रख ली लंच में खाने के लिए । 7 बजकर 2 या 3 मिनट पर कमरे से निकला और पूछते हुए वही 7:45 पर पहुँच गया । जब मैं रास्ते में था तो जिसने मुझे काम पे रखा था उसने पूछा की आ रहे हो और कहाँ पर हो वहाँ पर पहुँच कर मैंने बोला मैं यहाँ आ गया हूँ । उसने कहा वहीं रुको मैं अभी आ रहा हूँ ।
फिर वही 10 मिनट बाद वो वहाँ पहुँच गए और उन्होंने और लोगों से परिचय कराया और बोले ये लड़का नया है तो एक लोग यहीं पर रुकना है । इसे कुछ पता नहीं है । इसे सारी चीजें बता देना फिर शुरू होता है काम का वक्त जहां मुझे लगाया गया वहाँ दो gate थे एक से सभी लोग जाते थे तो दूसरे से केवल स्टाफ के लोग ओर उस बिल्डिंग में एक तरफ मॉल था और एक तरफ पासपोर्ट ऑफिस था पासपोर्ट बनने का समय शुरू होता है 9 बजे और मॉल खुलता है 11 बजे बाहर लगभग 50 लोग तक पासपोर्ट के लिए खड़े थे जिनको अपने टाइम के हिसाब से जाना था मुझे बताया जाता था इतने से इतने टाइम वाले लोगों को अंदर भेजो तो उसी हिसाब से मुझे उन्हे भेजना था ।
फिर आता है वो इंसान जो आपका सीनियर होता है और आपको उंगली करता जो दर्द बन जाता है । हमारे यहाँ था वो इंसान और लोग उसे खान शाहब कहकर बुलाते थे । वो हमें बताना शुरू करता है जो लोग गाइयाँ लेकर आते हैं उन्हे ऐसे लगाओ कार इस तरफ बाइक इस तरफ बीच में रास्ता होना चाहिये तेज बोलो ये मालिक हैं इनसे ऐसे बात करों हाथ पीछे करके खड़े हो आगे बांधकर नहीं मेरी बात सुनो वरना ये चीज कभी नहीं सीख पाओगे । मैं उसकी बातों से परेशान होने लगा कभी लगता इसका मुंह तोड़ दें । जैसे तैसे वही एक बज गया इस बीच एक कप चाय पी थी जो उसी खान शाहब ने पिलाई थी । 1 बजे तक पासपोर्ट का काम खत्म हो चुका था अब वहाँ मॉल में आने वाले लोग ही आ रहे थे । फिर मैं दूसरे gate पर जाकर बैठ गया जहां पर चाय थी । और वहाँ पर सिर्फ स्टॉफ के लोग ही आते जाते थे । फिर वो खान अपने प्रवचन देता था बीच बीच में इस चीज को ध्यान दो । जैसे तैसे दिन कट 8 बजे अब चलने की तैयारी करनी थी । तभी other शिफ्ट रात 8 से सुबह 8 बजे वाला secuirity gaurd आ गया । सीनियर ने उससे बोला जाओ इए सारी चीजें दिखा दो जैसे लाइट कहाँ से चालू होगी , मोटर कहाँ से चलेगी , लिफ्ट कहाँ से चलेगी । फिर हम बारी बारी से अलग अलग फ्लोर पर गए सारी चीजें देखि वापस आया फिर यूनिफॉर्म बदलकर कमरे के लिए चल पड़ा और तब तक 8:30 हो चुका था ।
कमरे पर आया अब हमें लगी थी भूख रास्ते में ही दो समोसे खाए । कमरे पर आते आते लगभग 9 :15 बज चुका था । फिर नहाया कहना बनाया खाया फिर टाइम आया मेरे काम को करने का जिसमे यूट्यूब और ब्लॉगिंग सामील था और टाइम था 11:00 pm। नेट चालू किया वो भी प्रॉपपएर न चल सका फिर सोचा देर हुई तो सुबह कैसे उठूँगा । नींद आई और सो गया । सुबह 5 बजे आँख खुली सोचा क्या करू जाऊन की न जाऊ मन ना किया फोन को ऑफ कर दिया किसी की काल न आए फिर सारी उम्मीदों को सिरहने पर रखकर सो गया । और छोड़ दिया काम ।
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