AAPKA DHYAN KHA HAI BEST WALI 2021 SHAYARI YHAN HAI
याददाश्त का कमजोर होना उतना भी बुरा नहीं..
बड़े बैचेन रहते हैं वो जिन्हें हर बात याद रहती है
तन्हाई की सरहदे और भीगी पलके,
हम लुट जाते है रोज तुम्हे याद करके..
बरसात की भीगी रातों में फिर कोई सुहानी याद आई,
कुछ अपना ज़माना याद आया कुछ उनकी जवानी याद आई..
जब जब आता है यह बरसात का मौसम,
तेरी याद होती है साथ हरदम.
इस मौसम में नहीं करेंगे याद तुझे यह सोचा है हमने,
पर फिर सोचा की बारिश को कैसे रोक पाएंगे हम..
60=
वाह मौसम आज तेरी अदा पर दिल खुश हो गया,
याद मुझको वो आई और बरस तू गया..
61=
कहीं फिसल न जाऊं तेरे खायलो में चलते चलते.
अपनी यादों को रोको.
मेरे शहर में बारिश हो रही है..
62=
मैं ताउम्र हिचकियों में गुज़ार सकता हूँ,
जानम बशर्ते तुम याद किया करो..
63=
तेरी यादें हर रोज़ आ जाती है मेरे पास.
लगता है तुमने बेवफ़ाई नही सिखाई इनको..
64=
सब के होते हुये भी तन्हाई मिलती है,
यादो में भी गम की परछाई मिलती है,
जितनी भी दुआं करते है किसी को पाने की,
उतनी ही उनसे बेवफाई मिलती है..
65=
पाने से खोने का मज़ा और है,
बंद आँखों से देखने का मज़ा और है,
आंसू बने लफ्ज़ और लफ्ज़ बने गजल,
यादों के साथ जीने का मज़ा कुछ और है..
66=
याद रखते हैं हम आज भी उन्हें पहले की तरह,
कौन कहता है फासले मोहब्बत की याद मिटा देते हैं..
याद शायरी
67=
चली आती है तेरी याद रातो में अक्सर,
तुझे हो ना हो तेरी यादो को
जरूर मोहब्बत है मुझसे..
68=
याद रखते हैं हम आज भी उन्हें पहले की तरह,
कौन कहता है फासले मोहब्बत की याद मिटा देते हैं..
याद पर शायरी
69=
मुझको क्या हक, मैं किसी को मतलबी कहूँ,
मै खुद ही ख़ुदा को, मुसीबत में याद करता हूँ..
70=
माना कि तुम गुफ़्तगू के फन में माहिर हो,
वफ़ा के लफ्ज़ पे अटको तो हमें याद कर लेना..
71=
मरना होता तो कबके मर गए होते,
तेरी यादों में हर रोज़ मरने का मज़ा ही कुछ अलग है ..
72=
कौन चाहता है रिहा होना तेरी यादों से,
ये तो वो क़ैद है जो जान से ज़्यादा अजीज़ है..
73=
काश तुम भी हो जाओ, तुम्हारी यादो की तरह,
न वक़्त देखो न बहाना, बस चली आओ..
74=
वो बोली क्या अब भी हमारी याद आती है,
हमने भी हंसकर बोला अपनी बर्बादी को कौन भूल सकता है..
75=
जिनका मिलना नहीं होता किस्मत में,
उनकी यादें कसम से कमाल की होती हैं..
76=
मुझे मालूम है ऐसा कभी मुमकिन ही नहीं,
फ़िर भी हसरत रहती है कि तुम याद करोगे..
77=
उसे फुरसत नहीं मिलती ज़रा सा याद करने की
उसे कह दो हम उसकी याद में फुरसत से बैठे हैं..
78=
कुछ तो बात है तेरी फितरत में ऐ दोस्त,
वरना तुझ को याद करने की खता हम बार-बार न करते..
79=
तेरी यादो को पसन्द आ गई है मेरी आँखों की नमी,
हँसना भी चाहूँ तो रूला देती है तेरी कमी..
80=
पहलू में रह के दिल ने दिया बड़ा फरेब
रखा है उसको याद, भुलाने के बाद भी..
81=
याद करने की हमने हद कर दी मगर
भूल जाने में तुम भी कमाल रखते हो..
82=
ये रात ये तनहाई और ये तेरी याद
मैं इश्क न करता तो कब का सो गया होता..
83=
होती है बड़ी ज़ालिम एक तरफ़ा मोहब्बत
वो याद तो आते हैं मगर याद नहीं करते..
84=
यादें बनकर जो रहते हो साथ मेरे,
तेरे इतने अहसान का सौ बार शुक्रिया..
85=
इक तिरी याद का आलम कि बदलता ही नहीं
वरना वक़्त आने पे हर चीज़ बदल जाती है..
86=
जागना भी कबूल हैं तेरी यादों में रात भर,
तेरे एहसासों में जो सुकून है वो नींद में कहाँ ..
87=
ना जाने लोग, खुद चले जाने के बाद;
अपनी यादों को, क्यूँ छोड़ जाते है..
88=
मजबूर नही करेंगे तुझे वादे निभानें के लिए,
बस एक बार आ जा, अपनी यादें वापस ले जाने के लिए..
89=
याद करने के सिवा तुझे कर भी क्या सकते हैं
भूल जाने में तुझे नाकाम हो जाने के बाद..
याद पर शायरी
90=
हज़ारों काम है मुझे मसरूफ रखते हैं
मगर वो शख्स ऐसा है के फिर भी याद आता है..
91=
मंजर भी बेनूर थे और फिजायें भी बेरंग थी,
बस तुम याद आए और मौसम सुहाना हो गया..
92=
होठों पे हंसी रुख पे हया याद रहेगी
ऐ हुस्न तेरी शोख अदा याद रहेगी..
93=
कुछ मीठी सी ठंडक है आज इन हवाओं में,
शायद तेरी यादों से भरा दराज़ खुला रह गया है..
94=
बड़ा मिठा नशा है तेरी याद का,
वक़्त गुजरता गया और हम आदी होते गए..
95=
कितने नादाँ ह ये मेरी आँख के आँसु,
जब भी तेरी याद आती है इनका भी घर में मन नही लगता..
96=
ज़माने के सवालों को मैं हस के टाल दूँ फराज़
लेकिन नमी आंखों की कहती है, मुझे तुम याद आते हो..
97=
न तेरी याद, न तसव्वुर, न तेरा ख़याल
लेकिन खुदा क़सम, तुझे भूले नहीं है हम..
98=
मुझे भी सिखा दो भूल जाने का हुनर..
मैं थक गया हूँ हर लम्हा हर सांस तुम्हें याद करते करते..
99=
सारी सारी रात सितारों से उसका ज़िक्र होता है
और उसको ये गिला है के हम याद नहीं करते..
100=
महसूस कर रहें हैं तेरी लापरवाहियाँ कुछ दिनों से,
याद रखना अगर हम बदल गये तो,
मनाना तेरे बस की बात ना होगी..
101=
ताउम्र बस एक ही सबक याद रखिये,
दोस्ती और इबादत में नीयत साफ़ रखिये..
102=
हम समझते थे के अब यादो की किश्ते चुक चुकीं
रात तेरी याद ने फिर से तकाजा कर दिया..
103=
बड़ी गुस्ताख है तेरी यादें इन्हें तमीज सिखा दो
दस्तक भी नहीं देती और दिल में उतर आती हैं..
104=
खुदा भी आखिर पूछेगा मुजसे..
मुझे पांच वक़्त और उसे हर वक़्त क्यों याद करता था ?
105=
तुम से मुमकिन हो तो फिर रोक दो साँसें मेरी,
दिल जो धड़केगा, तो फिर याद तो तुम आओगे..
106=
बेशर्म हो गयी हैं ये ख्वाहिशें मेरी,
मैं अब बिना किसी बहाने के तुम्हे याद करने लगा हूँ ..
107=
जहाँ भूली हुई यादें दामन थाम लें दिल का,
वहां से अजनबी बन कर गुज़र जाना ही अच्छा है..
108=
मै रात भर सोचता मगर फैंसला न कर सका,
तू याद आ रही है या मैं याद कर रहा हूँ..
109=
मेरे अहसानों का कर्ज़ तुम यूँ चुका देना,
कभी याद करके अकेले में मुस्कुरा देना..
110=
कर रहा था गम-ए-जहां का हिसाब
आज तुम याद बेहिसाब आये..
111=
चलता था कभी, हाथ मेरा थाम के जिस पर,
करता है बहुत याद, वो रास्ता उसे कहना..
112=
उसे मैं याद आता तो हूँ फुरसत के लम्हों मे फराज़
मगर ये हकीकत है, के उसे फुरसत नहीं मिलती..
113=
तुम से बिछड कर भी तुम्हे भूलना आसान न था
तुम्ही को याद किया, तुमको भूलने के लिए..
114=
यादों की मेज़ पर कोई तस्वीर छोड़ दो
कब से मेरे ज़हन का कमरा उदास है..
115=
तुम मेरे पास थे हो और रहोगी,
ख़ुदा का शुक्र है यादों की कोई उम्र नहीं होती..
116=
खर्च जितना भी करुं बढ़ती जाती है
ये यादे तेरी अजीब दौलत है..
117=
आया ही था ख्याल के आँखें छलक पड़ी
आंसू तुम्हारी याद के कितने करीब थे..
118=
याद आते हैं तो कुछ भी नहीं करने देते
अच्छे लोगों की यही बात बहुत बुरी लगती है..
119=
निकाल दे दिल से ख्याल उसका,
यादें किसी की तकदीर बदला नहीं करती..
120=
होश में थे तो हुए हवाले, तेरी हसीन यादों के..
इन दिनों चूर हूँ नशे में, तेरे उन झूठे वादों के..
121=
न चाहकर भी मेरे लब पर ये फ़रियाद आ जाती है,
ऐ चाँद सामने न आ किसी की याद आ जाती है..
122=
नाराज़गी भी मोहब्बत की बुनियाद होती है,
मुलाक़ात से भी प्यारी किसी की याद होती है..
123=
जब चाहूँ तुम्हे मिल नहीं सकता,
लेकिन जब चाहूँ तुम्हे याद कर सकता हूँ..
124=
तेरी यादों के सिरहाने सिर रख के
आज फ़िर सोने चले है शब्बा ख़ैर..
125=
सर्द मौसम में बहुत याद आते हैं,
धुँध में लिपटे हुए वादे तेरे..
126=
फ़िक्र ये थी कि शब-ए-हिज्र कटेगी कैसे,
लुत्फ़ ये है कि हमें याद न आया कोई..
127=
कब तक याद करूँ मैं उसको कब तक अश्क़ बहाऊँ,
यारो अब तो रब से दुआ करो मैं उसको भूल ही जाऊँ..
2 Line yaad Shayari
128=
खुलते ही आंख याद आ जाता हैं,
चेहरा आप का.
ये दिन की पहली ख़ुशी तो कमाल की होती है..
129=
दिल की हर यादो में, मै सवारूँ तुझे,
तू दिखे तो इन आँखो में उतारू तुझे,
तेरे नाम को जुबा पर ऐसे सजाऊ❓
सो जाऊ तो ख्वाबो मे बस पुकारू तुझे..
130=
सोचता हूँ की, कभी भी अब तुझें याद नहीं करूँगा,
फिर सोचता हूँ ये फ़र्क़ तो रहने दो हम दोनों में..
131=
तेरी यादो से शुरू होती हैं मेरी सुबह,
फिर कैसे कह दू, की मेरा दिन ख़राब हैं..
132=
अब कुछ और नही उगता, तेरी यादों के सिवा,
अब मेरे दिल की ज़मीन पर, बस तेरी ज़मींदारी है..
133=
पहले तुम अब यादें तुम्हारी,
आखिर दुश्मनी क्या है मुझसे तुम्हारी..
134=
स्टाईल की बात ना कर पगले,
आज भी जिस गली से निकल जाऊ तो,
वहा के लडके मुझे देख कर गाना गाते हैं..
तुम आये तो आया मुझे याद गयी में आज चाँद निकला..
135=
मिलने का दौर और बढ़ाइए मोहब्बत में ,
अब यादों से गुज़ारा नहीं होता..
136=
ये रात, उसकी यादे और नींद का बोझ,
अगर हम मोहब्बत ना करते तो कब के सो गये होते..
137=
नींद को आज भी शिकवा है मेरी आँखों से ,
मैंने आने न दिया उसको कभी तेरी याद से पहले..
2 Line yaad Shayari
138=
वफ़ा का नाम लेने से हमें
एक बेवफा की याद आती है..
139=
तुम्हारी याद में आँखों का रतजगा है,
कोई ख़्वाब नया आए तो कैसे आए..
140=
बेवफाई उसकी दिल से मिटा के आया हूँ,
ख़त भी उसके पानी में बहा के आया हूँ..
141=
आपकी नशीली यादों में डूबकर,
हमने इश्क की गहराई को समझा,
आप तो दे रहे थे धोखा और,
हमने जानकर भी कभी आपको बेवफा न समझा..
142=
कभी ग़म तो कभी तन्हाई मार गयी,
कभी याद आ कर उनकी जुदाई मार गयी..
143=
इश्क मुहब्बत क्या है❓ मुझे नही मालूम ❓
बस तुम्हारी याद आती है, सीधी सी बात है..
144=
सुना है बहुत बारिश है तुम्हारे शहर में,
ज़्यादा भीगना मत.
अगर धुल गयी सारी ग़लतफ़हमियाँ,
तो बहुत याद आएँगे हम..
145=
बारिश और मोहब्बत" दोनो ही य़ादगार होते है.
फर्क सिर्फ़ इतना होता है.
बारिश से ज़िस्मं भीगता है, और मोहब्बत से आँखे..
146=
कोई पुछ रहा है मुझसे मेरी जीन्दगी की कीमंत,
मुझे याद आ रहा है तेरा हल्के से मुस्कुराना..
147=
कुछ और भी तुम को आता है क्या❓
जब देखो याद आते हो..
148=
काश दिल की आवाज़ मै इतना असर हो जाये..
हम याद करें,और उनको खबर हो जाये..
इस बरसात में हम भीग जायेंगे,
दिल में तमन्ना के फूल खिल जायेंगे,
अगर दिल करे मिलने को तो
याद करना बरसात बनकर बरस जायेंगे..
150=
पता नही ऐसा क्या है इस बारिश,
मे जितनी ज़्यादा बरस रही है,
उतना ही तुम याद आ रहे हो..
151=
बादलों से कह दो, जरा सोच समझ के बरसे,
अगर हमें उसकी याद आ गई,
तो मुकाबला बराबरी का होगा..
152=
आज फिर तेरी याद आई बारिश को देख कर
दिल पे ज़ोर न रहा अपनी बेबसी को देख कर
रोये इस क़दर तेरी याद में
के बारिश भी थम गयी मेरी बारिश देख कर..
याद शायरी
153=
तब्दीली जब भी आती है मौसम की अदाओं में,
किसी का यूँ बदल जाना, बहुत याद आता है..
154=
मुझे भी सिखा दो, भूल जाने का फितरत,
मैं थक गयी हूँ, तुझे याद करते करते..
155=
काश उनको कभी फुर्सत में ये ख्याल आए,
कि कोई याद करता है, उन्हें जिन्दगी समझ कर..
156=
दिन भर तड़पती रही तेरी यादों के साथ ,
किसी ने पूछा तो कहा तबीयत ठीक नहीं..
157=
मिला तो बहुत कुछ है इस जिंदगी से,
मगर याद बहुत आते है वो जिनको हासिल ना कर सके..
158=
हजूम ए दोस्तों से जब कभी फुर्सत मिले
अगर समझो मुनासिब तो हमें भी याद कर लेना
अहमद फ़राज़
159=
दोस्ती अपनी भी असर रखती है “‘फ़राज़”
बहुत याद आएँगे ज़रा भूल कर तो देखो..
160=
वो ज़माना भी तुम्हें याद है तुम कहते थे
दोस्त दुनिया में नहीं “दाग” से बेहतर अपना..
161=
दोस्त को दोस्त का इशारा याद रहता है,
हर दोस्त को अपना दोस्ताना याद रहता है,
कुछ पल सच्चे दोस्त के साथ तो गुजारो,
वो अफ़साना मौत तक याद रहता है..
162=
तेरी यादें भी मेरे बचपन के खिलौने जैसी हैं,
तन्हा होता हूँ तो इन्हें लेकर बैठ जाता हूँ..
163=
उसकी धड़कन में मेरी याद अभी बाकी है,
ये हकीकत मेरे जीने के लिए काफी है..
164=
मोहब्बत की महफ़िल में आज मेरा ज़िक्र है,
अभी तक याद हूँ उसको खुदा का शुक्र है..
165=
महफिल मैं कुछ तो सुनाना पडता है,
ग़म छुपाकर मुस्कुराना पडता है,
कभी उनके हम भी थे दोस्त,
आज कल उन्हे याद दिलाना पडता है..
166=
ऐ दोस्त जब भी तू उदास होगा,
मेरा ख्याल तेरे आस-पास होगा,
दिल की गहराईयों से जब भी करोगे याद हमें,
तुम्हें.. हमारे करीब होने का एहसास होगा..
167=
ना चाहकर भी मेरे लब पर ये फ़रियाद आ जाती है,
ऐ चाँद सामने न आ किसी की याद आ जाती है..
बरसों हुए न तुम ने किया भूल कर भी याद,
वादे की तरह हम भी फ़रामोश हो गए..
169=
जरूरी तो नही है कि तुझे आँखों से ही देखूँ,
तेरी याद का आना भी तेरे दीदार से कम नही..
वफ़ा का नाम मत लो यारों.
याद आती हैं वो बेवफा तो दिल दुखता है..
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