VIRAL SHAYARI STATUS KAVI SAMMELAN
बहुत सेलफ़ियाँ लेते हो जरा मुस्कराया करों
अपने चेहरे को कभी आईना भी दिखाया करों
ये जमाने के तजुर्बे तुम्हें गूगल पर नहीं मिलेंगे
मिले जो वक्त तो माँ बाप के पास बैठ जाया करों
किसी की याद ना आये खयाल बट जाए
दुआ करों ये कयामत सी रात कट जाए
हम आईना हैं दिखाएंगे दाग चेहरों के
जिन्हे खराब लगे वो सामने से हट जाए
कर्जमाफ़ी के बहाने सत्ता पा गए सयाने
उनकी जुबान अभी से फिसल रही है
कैसे काम करना था और कर रहें हैं कैसे
कर्जमाफ़ी में तो मनमानी चल रही है
ऊंट के मुह में फसाके जीरा चुपके से
कर्जमाफ़ी में तो मनमानी चल रही है
रो रहा है ये किसान कह रहा है सरे आम
देश में ही देशभक्त की कमी खल रही है
ये खिलौने कहीं बाढ़ ना बन जाए बांध का प्रबंध कीजिए
जितना पानी चाहिए उतना निकालिए फिर नल बंद कीजिए
है जलती आग सीने में नहीं डरता शिकंदर से
मगर हूँ बाप बेटी का डरा रहता हूँ अंदर से
वो दिखती हंसनी सी हैं वो कोयल जैसा गाती है
उजाला चहुं ओर होता है वो जब भी मुसकुराती है
वो चम्पा है चमेली है वो खुसबू रात रानी सी
है छोटी उम्र पर बात करती सयानी सी
वो विध्या में विजयी होती लड़े किस भी धुरंधर से
मगर हु बाप बेटी का डरा रहता हूँ अंदर से
हवाये आज कल घोले जहर चहू ओर चलती हैं
नशे मन खाक करने को बहुत बिजली मचलती है
नहीं बादल में वो अमृत बस अब ऐसिड बरसता है
गली में भौकते कुत्ते सड़क पर सांप डसता है
सहर और गाँव के रावण है दिखते सब कलंदर से
समझते खुद को सागर सा जो नाले हैं ये बरसाती
इन्ही में गंदगी करते दरोगा और नेताजी
जो रक्षक है गौरेया के जलाकर आग बैठे हैं
सभी धर्मों के ठेकेदार फतवे देके ऐठे हैं
बया कितने बनाए घोंसले भय लगता बंदर से
मगर हूँ बाप बेटी का डरा रहता हूँ अंदर से
अगर माटी के पुतले देह में ईमान जींदा है
तभी इस देश की सम्रधि का अरमान जींदा है
न भाषण से हैं उम्मीदे न वादों पर भरोसा है
शहीदों की बदौलत मेरा हिंदुस्तान जींदा है
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