Dhokebaaz dost ki shayari heart touching status
heart touching Shayari in Hindi Best Dhokebaaz dost ki Shayari heart touching status heart touching Shayari in Hindi 2 lines heart touching status lines in Hindi
दुश्मन मिले सवेरे, लेकिन मतलबी यार ना मिले,
मूरख मिले बलेसर, पर पढ़ा-लिखा गद्दार ना मिले
जब दोस्त ही शामिल हो,
दुश्मनों की चाल में,
तब शेर भी फास जाता है
मकड़ी की जाल में.
हर वक्त मेरी जुबां पर दोस्तों का ही नाम आया,
पर मेरे बुरे वक्त में कोई दोस्त न काम आया.
दिल के हाथों मजबूर होकर मौका देते हैं
तभी तो दिल में बसने वाले धोखा देते हैं.
बड़ा गुरूर मुझको मेरे यार पर था,
बाद में पता चला मेरा ऐतबार इक गद्दार पर था.
दोस्ती तोड़ दी ना जाने दुःखी किस बात से था,
पर आज भी लगता है वो वाकिफ़ मेरी हर जज्बात से था.
मेरी दोस्ती का उसने अच्छा सिला दिया,
मेरी मुफलिसी में उसने मुझको ही भुला दिया.
दोस्ती के अब मतलब बदल गये है,
जब से मतलब की दोस्ती होने लगी है.
दोस्ती जिन्दगी बदल देती हैं,
पर कुछ दोस्त ही बदल देते हैं.
दुश्मनों के दिल को करार आएगा,
जब दोस्तों के बीच में दरार आएगा.
Dhokebaaz Dost Status
धोखेबाज दोस्त स्टेटस
हम वक्त गुजाने के लिए दोस्तों को नहीं रखते है,
दोस्तों के साथ रहने के लिए वक्त रखते हैं.
ऐ खुदा, कोई तो मिले ऐतबार के काबिल,
अब तो दोस्त भी धोखा देते है प्यार के खातिर.
दुश्मन से हमेशा बचो,
और दोस्त से उस वक्त जब वो
तुम्हारी तारीफ़ तुम से करने लगे.
दिल टूट जाए दोस्ती पर इतना ऐतबार मत करो,
जीना मुश्किल हो जाए किसी से इतना प्यार मत करो.
दोस्तों पर ऐतबार करने का दौर बीत गया,
हर कोई वक्त-बेवक्त बदलने का हुनर सीख गया.
Gaddar Dost Shayari
गद्दार दोस्त शायरी
अब तो लोग फटे हुए कपड़ो को नही सिलते हैं,
दोस्त भी दिलों में नफरत लिए सादगी से मिलते हैं.
विश्वासघात शायरी | Vishwasghat Shayari
जहाँ आस होती हैं वहाँ विश्वास होता हैं,
जहाँ विश्वास होता हैं वहीं तो विश्वासघात होता हैं.
जब घाव मेरे दिल के भर जायेंगे,
मेरे आँसू मोती बनकर बिखर जायेंगे,
दुनिया वालों मत पूछना किसने धोखा दिया
वरना कुछ दोस्तों के चेहरे उतर जायेंगे.
दिल के घाव को धो लेते है आँसुओ के जाम से,
दुश्मनी ऐसे करो कि नफ़रत हो जाए दोस्ती के नाम से.
छुपा कर, दिखा कर, हर पैतरें आजमाकर
उसने गद्दारी कि मुझे अपना बना कर..!
कोई जाकर कह दे उसके पति से
वह कल भी मेरी थी, और आज भी मेरी है..!
तेरी हर बात मुझे अपनी तरफ खींचती क्यों है
तू क्या है, कौन है, मेरे लिए इतना जरूरी क्यों है..!
जो गद्दार दोस्त, दोस्त की आंखों में आंसू लाते हैं
वो क्यों भूल जाते हैं कि उनके पास भी दो आंखें है..!
कहने को बहुत कुछ है, गद्दारों पर, ए ग़ालिब
पर कुछ ना कहना ही बेहतर लगता है..!
नसीब का खेल है सारा का सारा
क्या करें ''तकदीर'' का मारा
जिस कदर उसकी कदर की
उस कदर, बे कदर हुआ मैं बेचारा..!
समझाने पर भी जब तुम ना समझे थे
तब मैंने खुद को कितना समझाया
ये तुम कभी नहीं समझोगे..!
हिम्मत कर, सब्र रख बिखर कर भी संवर जाएगा
यकीन रख, शुक्र कर वक्त ही तो है गुजर जाएगा..!
कौन कहता है... कि
हर शख्स ''धोखेबाज'' नहीं होता
कोई खुद के लिए अपनों को
कोई अपनों के लिए खुद को
धोखा दिए जा रहा है..!
हम भी पागल हैं
गद्दारों की बस्ती में वफादार ढूंढने निकले हैं..!
एक बेवफा हसीना, एक गद्दार दोस्त
इन दोनों ने मिलकर मेरी कहानी लिख दी..!
विश्वासघात शायरी
👉
अपना तो एक ही फंडा है
यारों से गद्दारी नहीं, और गद्दारों से यारी नहीं..!
मेरा एक ही यार था, वो भी गद्दार था..!
👉
बुरे वक्त का भी आना जरूरी था
इसी बहाने पता तो चला
दोस्तों की भीड़ में दोस्त कौन है..!
गम उसकी बेवफाई का नहीं मेरे दोस्त
सारा गम तो तेरी गद्दारी का है..!
👉
तू ही तो एक यार है बाकी सब गद्दार हैं..!
कमाल की कला है दोस्तों में दोस्त पहचानना..!
👉
खुदा था, वफा था, आसमा था तू
ये भ्रम था मेरा सारा जहां था तू..!
तू दोस्त भी कमाल था तेरी यारी भी कमाल थी
अब पता चला तेरी मक्कारी भी कमाल थी..!
👉
आज झूठ ने सच का मुखौटा पहनकर
सच को ही हरा दिया..!
बहुत रंगीन है ए जमाना
हर शख्स ने रंग दिखाए हैं..!
👉
तू ही मेरा यार था, तू ही मेरा प्यार था
मुझे कहां पता था कि तू ही गद्दार था..!
उसकी यारी भी कयामत से कम नहीं थी
उसकी गद्दारी भी कयामत से कम नहीं थी..!
तू रूठ कर मेरे दोस्त, कहां चला गया
तूने यमराज तक साथ चलने की कसमें खाई थी..!
👉
मैंने तुझे भिखारी से, राजा बना दिया
अबे गद्दार तूने ही मेरा बाजा बजा दिया..!
Dhoka shayari
👉
दोस्त अगर ''वफादार'' हो तो
दोस्ती के सामने हर रिश्ता फीका पड़ जाता है..!
👉
सही दोस्त वो होता है
जिसके संगत से, रंगत बदल जाए..!
👉
इन गद्दार दोस्तों से अच्छे तो, मेरे दुश्मन हैं
खुलकर दुश्मनी तो करते हैं..!
पहले यारी, फिर गद्दारी
भाया यही है दुनियादारी..!
वक्त के साथ सब कुछ बदल जाते हैं
दोस्ती, रिश्ते, नाते सब कुछ..!
👉
इस दुनिया में हर तरफ धोखा है
आप भी दे दो, आपको किसने रोका है..!
दोस्ती में धोखा शायरी
सफर छोटा था
पर हमसफर गद्दार निकला..!
धोखा भी अच्छी चीज है
तजुर्बे को, सौ गुना बढ़ा देती है..!
👉
महफिल में बात, जब गद्दारों की हुई
हमें भी कुछ दोस्तों के नाम याद आए..!
हर समय मेरी जुबा पर यारों का ही नाम आया,
पर मेरे खराब समय मे कोई यार न साथ आया.
दुनिया बहुत स्वार्थी है,
साथ कोई क्यो देगा,
फोकट का यहा कफ़न नही मिलता,
तो बिना दुःख के इश्क कौन देगा।
dhoka shayari hindi
मेरी यारी का उसने अच्छा परिणाम दिया,
मेरी मुशीबत मे उसने मुझको ही भुला दिया.
तेरी यारी ने दिए एहसास इतना,
की तुम्हारे बाद कोई भी मन न लगे,
तुझे करनी हो बेवफाई तू इस अदा से करना,
कि तेरे बाद कोई भी बेवफा न लगे…!!!
जीते जी छीन ली जिंदगानी मेरी
वो अब मृत्यु का भी उठाती हे
मेरी कबर पर माला के बहाने
किसी आशिक से मिलने आती है !!
dhokebaaz dost quotes
पढ़ रहा हूँ इशक की किताब
गर बन गया वकील तो
बेवफा की खैर नही !!
दोस्ती जिन्दगी बदल देती है,
पर कुछ दोस्त ही बदल देते है.
दुश्मनो के दिल को करार आएगा,
जब दोस्तों के बीच मे दरार आएगा.
किसी ने धुल कया झोकि आँखों में
चालबाज पहले से बेहतर दिखने लगा !!
क्षण क्षण उसका साथ देते हम
एक इशारे पर संसार छोड़ जाते हम
दरिया के बिच मे पहुच कर धोखा किया उसने
वो कहते तो किनारे पर ही डूब जाते हम
गजब का सुकुन दिया मेरे यार ने
तेरी गद्दारी के बाद तो,
तुझे करनी हो चालबाजी तू इस शौक से करना,
कि तेरें बाद कोईं भी बेवफा न लगे…!!!
धोखेबाज दोस्त शायरी इन हिंदी
“किसी भी व्यक्ति के बोलने मात्र से उस व्यक्ति के बारे मे अनुमान ना लगाये क्योंकि अच्छी बाते तो बुरा व्यक्ति भी कर लेता है…!!”
“साफ-साफ बोलने बाला कड़वा जरुर होता है, पर धोखेबाज नही….!! ”
प्यार कोई खैल नही
जो बाजारो मे मिल जाये ,
यहा हर शक्स को अपनी शक्सियत गवानी पड़ती है ,
यहाँ हारे होवे लोगो को मोहब्बत ,
और जीते होवे को सिर्फ ज़िस्म मिला करते है ,
मोहब्बत की कद्र तो उनसे पूछो ,
ज़िनके अक्सर दिल टूट जाया करते है ,
पर सच ये भी है दोस्तो की
अक्सर सच्ची मोहब्बत हर किसी के नसीब मे नही होती ..,
ज़रा सभलकर चलना इन रास्तो पर,
इस जहा मे कदम- कदम पे कई धोखेबाज भरे पड़े है ,
जो सिर्फ किसी के जज्बातो से खेला करते है,
एे दोस्त अगर मिल जाये मुझ जैसी सच्ची मोहब्बत तो ,
मेरा सलाम कबूल करना ,
वरना लौटकर आ जाना मेरे पास ,
और मोहब्बत की राहो मे संग चलना ,
तुझे हर खुशी ला कर दूगा ,
बस मेरी एक बात याद रखना ,
एे दोस्त मै तुझे वही मिलूगा ,
जहा तूने अलविदा कहा था ,
बहुत अभीमान था मुझे
हमसे चाहत रखने वालों से
मैं अच्छा था मगर
जरूरतों के लिए !!
जमाना वफादार नही तो क्या
हुआ, धोखेबाज भी तो हमेशा
अपने ही होते है !!
**************************
हर बार दोस्त धोखा नही देते
कभी कभी
वक्त भी हालात में
धोखा दे जाते है. !!
**************************
वह कहती है कि मजबूरियां थी बहुत,
साफ लफ्जो में खुद को धोखेबाज नहीं कहती,,
**************************
शायरी नही आती मुझे बस हाले दिल सुना रहा हूँ
बेवफाई का इल्जाम हैं मुझपर फिर भी गुनगुना रहा हूँ
मुझे धोखा देने वाले ने मुझे ही धोखेबाज बना दिया
खफा नही है उससे फिर भी मैं उसका दामन बचा रहा हू
dhoka shayari 2 lines
अबोध बच्चें का चेहरा ईश्वर का रूप होता है
पर किसी युवा की मासूमियत से सावधान रहे
अक्सर मासुम चेहरे वाले ही धोखेबाज होते है !!
वो ढूंढ ? रहे हैं आशिक हमें धोखेबाज ? कहकर,
और एक हम ? हैं जो उन्हें खोने ? के डर से उनके फरेब को देखते हुए भी अनजान बने रहे.।। ??
*********************************************
वो थी ही धोखेबाज़ पर,
दिल
ये बात नही मानता ।
✍लाडला
***************************************************
दिल मेरा काँच सा था वो पत्थर की मूरत जैसा निकला,
सोचा था अनुज सम्भाल लूंगा सब कुछ प्यार से,
पर वो पत्थर पत्थरदिल से भी ज्यादा गद्दार निकला,
अब कैसे कह दूँ वो धोखेबाज़ है दोस्तो,
वो जो अपना था हुंसे है खफा,
पता नही किस से हुई थी क्या ख़ाता,
बे-वजह दिल नही टूट-ता किसी का,
तुम थे या हम थे बेवफा…
वातावरण को जो महका दे उसे ‘इत्र’ कहते हैं
जीवन को जो महका दे उसे ही ‘मित्र’ कहते हैं
दोस्त को दौलत की निगाह से मत देखो
वफा करने वाले दोस्त अक्सर गरीब हुआ करते हैं
पी लेते हैं एक दूसरे की जूठी सिगरेट भी
दोस्ती किसी मजहब की मोहताज नहीं होती
ग़मों की बरसात समेटे बैठा हूँ , किसी बेवफा से धोखा खाया बैठा हूँ ,
जाने कब देगा उपरवाला मुझे मौत , खुदा के भरोसा आस लगाये बैठा हू
शहर में हमदम पुराने बहुत थे नासिर;
वक़्त पड़ने पर मेरे काम ना आया कोई।
यू तो कोई तन्हा नही होता,
चाहकर किसी से कोई जुदा नही होता,
मोहब्बत को मजबूरिया ही ले डूबती है,
वरना खुशी से कोई बेवफा नही होता.
पहले ज़िंदगी छीन ली मुझसे,
अब वो मेरी मौत का भी फ़ायदा उठाती है,
मेरी क़बर पे फूल चढाने के बहाने,
वो किसी और से मिलने आती है..!!!
समझ लेते हैं हम उनकी दिल की बात को,
वो हमें हर बार धोका देते है,
लेकिन हम भी मजबूर हैं दिल से,
जो उन्हें बार बार मौका देते हैं…!
Gaddar Dost Shayri
तेरी दोस्ती ने दिए सुकून इतना,
कि तेरे बाद कोई भी अच्छा न लगे,
तुझे करनी हो बेवफाई तू इस अदा से करना,
कि तेरे बाद कोई भी बेवफा न लगे…!!!
अनजाने में दिल गँवा बैठे
इस प्यार में कैसे धोखा खा बैठे
उनसे क्या गिला करे, भूल तो हमारी थी
जो बिना दिल वालों से दिल लगा बैठे
कैसी है यह हमारी तक़दीर,
हर तरफ दागा ही पाया है.
दिल मे तो है प्यार ही प्यार लेकिन,
हर तरफ बेवफाओ को ही पाया है.
इंनकार करते करते, इकरार कर बैठे,
हम तो एक बेवफा से प्यार कर बैठे.
[Best] Love Status in Hindi for Girlfriend
कोई वादा नही फिर भी तेरा इंतेज़ार है,
जुदाई के बाद भी तुमसे प्यार है,
तेरे चेहरे की उदासी दे रही है गवाही,
मुजसे मिलने को तू अब भी बेकरार है.
अब तो हम तेरे लिए अजनब हो गया
बातो के सिलसिले भी कम हो गया
खुशियो से जुआदा हमारे पास गम हो गया
क्या पता ये वक़्त बुरा है या बुरे हम हो गय
हर दिल का ज़ख़्म धो लेते हे,
आंशु ओ के जाम से.
इतनी बेवफ़ाई करो की,
नफ़रत हो जाए लड़की ओ के नाम से
इश्क ए मोहब्बत मे कभी ऐसे तस्वीर भी होगी,
हमे क्या पता के किसी बेवफा के लिए शायरी भी लिखनी होगी .
वफ़ा के नाम से वोह अनजान थे!
किसी की बेवफाई से शायद परेशान थे!
हमने वफ़ा देनी चाही तो पता चला!
हम खुद बेवफा के नाम से बदनाम थे!
मेरी मौत के सबब आप बने;
इस दिल के रब आप बने;
पहले मिसाल थे वफ़ा की;
जाने यूँ बेवफ़ा कब आप बने।
अपने दिल को आख़िर दुखाना है,
और बहारो मे घर सज़ाना है,
तो प्यार अक्सर एक बेवफा से करो,
अगर मोहब्बत को आजमाना है.
किसी रोज़ याद न कर पाऊं तो खुदगर्ज़ न समझ लेना दोस्तों
दरसल छोटी सी इस उम्र में परेशानिया बहुत हैं
दुश्मन के सितम का खौफ नहीं हमको
हम तो दोस्तों के रूठ जाने से डरते हैं
अगर दोस्ती ही दौलत है,
तो हम इस शहर के सबसे अमीर इंसान हैं
क्यूंकि हमारे पास जान लगाने वाले दोस्त हैं
करनी है खुदा से गुजारिश
तेरी दोस्ती के सिवा कोई बंदगी न मिले
हर जनम में मिले दोस्त तेरे जैसा
या फिर कभी जिंदगी न मिले
Dhokebaaz dost ki shayari
तेरी दोस्ती का गुलाम हूं वरना
शहंशाह से भी गुलामी करवाने की नवाबीयत रखता हूं
दावे दोस्ती के मुझे नहीं आते यारों
एक जान है जब दिल चाहे मांग लेना
कुछ खोये बिना हमने पाया है, कुछ मांगे बिना हमें मिला है
नाज़ है हमें अपनी तक़दीर पर जिसने आप जैसे दोस्त से मिलाया है
सारे दोस्त एक जैसे नहीं होते
कुछ हमारे होकर भी हमारे नहीं होते
आपसे दोस्ती करने के बाद महसूस हुआ
कौन कहता है कि तारे जमीन पर नहीं होते
तू रूठा रूठा सा लगता है
कोई तरकीब बता मनाने की
मैं ज़िन्दगी गिरवी रख दूंगा
तू क़ीमत बता मुस्कुराने की
सब कुछ है मेरे पास पर दिल की दवा नहीं, दूर वो मुझसे हैं पर मैं खफा नहीं, मालूम है अब भी प्यार करते है मुझसे, वो थोडा सा जिद्दी है, मगर बेवफा नही
चाहने वालो को यू सताया नही जाता,
बेवफाओ को भी यू भुलाया नही जाता.
हम तो तुम्हारे ही है,तुम्हारे ही थे,
आपनो को यू ज़िंदगी मे तडपाया नही जाता.
बेवफा है दुनिया किसी का ऐतबार ना करो,
हर पल देते है धोका किसी से प्यार ना करो,
मिट जाओ बेशाक़ तनहा जी कर,
पर किसी के साथ का इंतज़ार ना करो.
एक साल में 50 मित्र बनाना आम बात है
पर 50 साल एक ही मित्र होना खास बात है
मैं भूला नहीं हूँ किसी को मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं ज़माने में
बस थोड़ी ज़िन्दगी उलझी हुई है दो वक़्त की रोटी कमाने में
एक आग लगाई सिने मे मेरे,
और उसका माज़ा भी लेते रहे,
शोलो का तमाशा भी देखा उसने,
और आँचल से हवा भी देते रहे.
बेख़बर तुझे क्या खबर;
तेरी आँखों मई कैसा जमाल है;
तुझे देख ले जो बस इक नज़र;
उस की आँखों मे फिर यह सवाल है!
ज़ख़्म जब मेरे सिने के भर जाएँगे;
आँसू भी मोती बनकर बिखर जाएँगे;
ये मत पूछना किस किस ने धोखा दिया;
वरना कुछ अपनो के चेहरे उतर जाएँगे।
हमने अपनी सांसो पर उनका नाम लिख लिया,
नही जानते थे की हमने कुछ ग़लत किया,
वो प्यार का वादा हमसे करके मुकर गये,
खैर उनकी बेवफ़ाई से कुछ तो सबक लिया.
दोस्त पर जान दे देना इतना मुश्किल नहीं
जितना मुश्किल है, ऐसे दोस्त को ढूंढना जिस पर जान दी जा सके
हम आज भी शतरंज़ का खेल
अकेले ही खेलते हैं
क्यूंकि दोस्तों के खिलाफ चाल
चलना हमें आता नहीं
कौन कहता है कि मुझ में कोई कमाल रखा है
मुझे तो बस कुछ दोस्तों ने संभाल रक्खा है
भले ही अपने जीगरी दोस्त कम हैं
पर जीतने भी है परमाणु बम हैं
कहते हैं दिल की बात हर किसी को बताई नहीं जाती
पर दोस्त तो आईने होते हैं और आईने से कोई बात छुपाई नहीं जाती
दुश्मन को जलाना
और दोस्त के लिए
जान की बाजी लगाना
फितरत है हमारी
हम शराब नहीं पीते लेकिन शराबी दोस्त रखते हैं
क्यूंकि शराबी दोस्त अच्छे होतेे हैं
ग्लास जरूर तोड़ सकते हैं, लेकिन दिल नहीं
दोस्त रूठे तो रब रूठे
फिर रूठे तो जग छूटे
फिर रूठे तो दिल टूटे
अगर फिर भी रूठे तो
उतार चप्पल और तब तक मार साले को
जब तक चप्पल ना टूटे
जिंदगी ज़ख्मों से भरी है
वक़्त को मरहम बनाना सीख लो,
हारना तो है एक दिन मौत से,
फिलहाल… दोस्तों के साथ जिंदगी जीना सीख लो
दोस्त तो दोस्त होता है, उसकी कोई जात या धर्म नहीं होता
वो ख़ुशी के टाइम पे भी गालियाँ सुनाता है और बुरे टाइम पे भी
पल पल उसका साथ निभाते हम
एक इशारे पर दुनिया छोड़ जाते हम
समंदर के बिच में पहोच कर फरेब किया उसने
वो कहते तो किनारे पर ही डूब जाते हम
उसने तोडा वो ताल्लुक़ जो हमारी हर बात से था
उसको दुःख न जाने मेरी किस बात से था
सिर्फ ताल्लुक़ रहा, लोगों की तरह वो भी
जो अच्छी तरह वाकिफ मेरी हर बात से था
दिल्लगी थी उसे हमसे मोहब्बत कब थी
महफ़िल-ए-गैर से उन्हें फुर्सत कब थी
हम थे मोहब्बत में लूट जाने के काबिल
उसके वादों में वो हक़ीक़त कब थी
कदम कदम पर बहारो ने साथ छोडा ,
जरुरत पडने पर यारो ने साथ छोडा ,
बादा किया सितारोँ ने साथ निभाने का ,
सुबह होने सितारो ने साथ छोडा .
इतनी वफ़ादारी ना कर किसी से यूँ मदहोश होकर
दुनिया वाले एक खता के बदले सारी वफ़ाएं भुला देते ह
अगर आप किसी कों धोका देने में कामयाब हो गए
तो ये मत समजना की आप कितने चालाक है
ये सोचना की वो आप पर कितना विश्वास करता था
गद्दार दोस्त पर शायरी
मैंने उनसे प्यार किया,
यह मेरे प्यार की हद थी.
मैंने उनपे इतबर किया,
यह मेरे इतबर की हद थी.
मरकर भी खुली रही मेरी आखें,
यह मेरे इंतिज़ार की हद थी.
बेवफा सनम से तो सिग्रत्ती अची है,
बेवफा सनम से तो सिग्रत्ती एकही है ,
दिल जलती है, पर होतो से तो लगती ह
हमने आपकी यद् मे सिगरेट जलाई
मगर कम्भाकत ढूएने भी तेरी तस्वीर बनाई.
समजते थे हम उनकी हर एक बात को,
वो हर बार हमसे धोका देते थे,
पर हम भी वक़्त के हातो मजबूर थे,
जो हर बार उनको मौका देते थे.
मोहब्बत करने वालो मे भी अक्सर ये सिला देखा हे,
जिन्हे अपनी वफ़ा पे नाज़ था, उन्हे भी बेवफा देखा हे.
हमने तो बेवफा के भी दिल से वफ़ा किया
इसी सादगी को देखकर सबने दगा किया
मेरी टिशनगी तो पी गयी हर जख्म के आँसू
गर्दिश मे आके हमने अपना घर बना लिया
मोहब्बत मे जी गया कोई प्यार मे मर गया कोई,
मोहब्बत आग को सागर हे फिर भी उतार गया कोई,
प्यार मे ज़ख़्म का किस्सा बहोत पुराना हे दोस्तो,
ज़ख़्म दे गया कोई तो ज़ख़्म भर गया कोई .
पत्थर से दिल लगाने से पहेले देख लेते,
की वो धड़क रहा हे के नही.
उनपर ऐतबार ना करते हम अगर,
तो ज़िंदगी मे ठोकर ना खाते हम कभी.
वफ़ा के नाम से वो थोड़े अंजान थे,
किसी की बेवफ़ाई से शायद थोड़े परेशान थे,
जब हमने वफ़ा देनी चाही तब पता चला के,
हम खुद बेवफा के नाम से बदनाम थे. –
हर धड़कन मे एक राज़ होता है,
हर बात को बताने का एक अंदाज़ होता है,
जब तक ठोकर ना लगे बेवफ़ाई की,
हर किसी को आपने प्यार पे नाज़ होता है.
तुने जो मिटा डाला
था मुझको बेवफा;
मेरी पाक मुहब्बत की
एक तासीर अभी बाकी है।
पत्थर से दिल लगाने से पहेले देख लेते,
की वो धड़क रहा हे के नही.
उनपर ऐतबार ना करते हम अगर,
तो ज़िंदगी मे ठोकर ना खाते हम कभी.
वफ़ा के नाम से वो थोड़े अंजान थे,
किसी की बेवफ़ाई से शायद थोड़े परेशान थे,
जब हमने वफ़ा देनी चाही तब पता चला के,
हम खुद बेवफा के नाम से बदनाम थे. –
हर धड़कन मे एक राज़ होता है,
हर बात को बताने का एक अंदाज़ होता है,
जब तक ठोकर ना लगे बेवफ़ाई की,
हर किसी को आपने प्यार पे नाज़ होता है.
ई मेरे जुर्म गिनाने वाले
तेरे घर कोई आइना है क्या?
शाम होते ही चिरागों को बुझा देता हूँ
यह दिल ही काफ़ी है तेरी याद मैं जलने के लिए
किसी का हाथ लेकर हाथ मे जब तुम मिले हमसे,
तो कैसे टूट के बिखरा था मेरा मन आँखो मे,
ना समझो चुप है तो तुमसे कोई शिकवा नही बाकी,
हम अपने दर्द की नही रखते कोई पहचान आँखो मे,
कच्चे धागे सा इक झटके मे टूट जाए,
ऐसा दिल मुझे मिला है.
उस पर हर गहरा दर्द भी मुझे अपनो से मिला है.
जब-जब बनाना चाहा है किसी को अपना,
तोहफे मे बक्शी गयी मुझे बस जुदाई और रुसवाई है.
क्या हुआ जो आज फिर संग मेरे तन्हाई है.
यू तो हर दिल में एक कशिश होती है
हर कशिश में एक ख्वाहिश होती है
मुमकिन नही सभी के लिए ताज महल बनाना
लेकिन हर दिल में एक मुमताज़ होती ह
मैं शिकायत क्यों करूँ, ये तो क़िस्मत की बात है..
तेरी सोच में भी मैं नहीं, मुझे लफ्ज़ लफ्ज़ तू याद है..!!
मैं फिर से, ठीक तेरे जैसे की तलाश में हूँ..
गलती कर रहा हू लेकिन होशोहवास में हू
मैं तेरा कोई नहीं मगर इतना तो बता
ज़िक्र से मेरे, तेरे दिल में आता क्या है?
मुहब्बत ज़िंदगी बदल देती है..
मिल जाए….तो भी..
ना मिले……..तो भी.. !
वो बेवफा मेरा इम्तिहान क्या लेगी,
मिलेगी नज़रो से तो नज़र तक झुका देगी,
उसे मेरी कबर पे दिया जलाने को मत कहेना,
वो तो नादान हे कही अपना हाथ जला देगी.
0 Comments